लेखनी प्रतियोगिता -25-Jun-2022 मुक्तक : अनुभव का कोई मोल नहीं होता
मुक्तक : अनुभव का कोई मोल नहीं होता
सच्चाई का कोई झोल नहीं होता
प्रेम से मीठा कोई बोल नहीं होता
रिश्ते नातों में कोई तोल नहीं होता
अनुभव का भी कोई मोल नहीं होता
अनुभव तो ठोकर खाने से ही आता है
हरेक आदमी कुछ न कुछ सिखाता है
जितना तपाओगे सोने को आग में वह
उतना ही खरा होकर और निखर जाता है
अनुभव को भी जोश की जरूरत है
होश के बिना जोश तो कयामत है
अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता
एक और एक में ग्यारह की ताकत है
हरिशंकर गोयल "हरि"
25.6.22
Abhinav ji
26-Jun-2022 08:53 AM
Very nice👍
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Swati chourasia
26-Jun-2022 08:12 AM
बहुत खूब 👌
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Raziya bano
25-Jun-2022 04:07 PM
Bahut khub
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